गर्मी से निपटने के लिए एसी और सर्दी से निपटने के लिए हीटर - ये चीजें हमारी रोजमर्रा की जरूरत बन चुकी हैं. हमें इन्हें इस्तेमाल करते समय इस बात का एहसास नहीं होता कि हमारी ये जरूरतें पर्यावरण के लिए कितनी हानिकारक है. अगर हमें कोई ऐसी चीज मिल जाए जिसे देख कर यह पता लग सके कि हर दिन हम पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं तो शायद इनकी खपत को कम कर सकें. संयुक्त राष्ट्र ने एक ऐसी ही तकनीक को मंजूरी दी है. यह मीटर यह भी बताएंगे कि उस इमारत से पर्यावरण में कितना कार्बन डाई ऑक्साइड विसर्जित हुआ है.
क्या है कार्बन मेट्रिक
कार्बन मेट्रिक नाम की इस तकनीक पर काम कर रहीं संयुक्त राष्ट्र की मारिया एटकिंसन बताती हैं, "कार्बन मेट्रिक का सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि इमारतों के मालिकों को इस बारे में पता चल सके कि वे ऊर्जा की कितनी खपत कर रहे हैं और वातावरण में कितनी ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन हो रहा है. वे जान सकें कि क्या मैं सीमा में रह कर खपत कर रहा हूं या वातावरण को नुकसान पहुंचा रहा हूं."
यूरोपी
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