12.06.2011, 18:27 |
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रूसी-भारतीय संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक वर्ष के भीतर आवाज़ से भी तेज़गति से उड़ने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलों "ब्रह्मोस-2" का निर्माण शुरू कर देगा। यह बात ब्रह्मोस एयरोस्पेस कंपनी के सह-निर्देशक अलेक्सांदर मक्सीचोव ने रविवार को नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कही।
रूसी-भारतीय मिसाइल ब्रह्मोस की पहली उड़ान की 10वीं वर्षगाँठ को समर्पित एक सम्मेलन के मौके पर अलेक्सांदर मक्सीचोव ने कहा- "यह पूरी तरह से एक नई मिसाइल होगी।" उन्होंने कहा कि संयुक्त उपक्रम अगले साल ब्रह्मोस मिसाइलों का विमानों से प्रक्षेपण करने का इरादा रखता है।
एक योजना के अनुसार एसयू-30MKI विमान सहित विभिन्न प्रकार के विमानों को ऐसी मिसाइलों से लैस किया जाएगा। इससे पहले, ब्रह्मोस कंपनी के प्रमुख एस. पिल्लै ने कहा था कि विमानों को मिसाइलों से लैस करने का काम वर्ष 2013 में पूरा किया जा सकता है। भारत की नौसेना, थलसेना और वायुसेना के पास पहले से ही ब्रह्मोस मिसाइलें मौजूद हैं।
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