अमेरिकी अतंरिक्ष यान अटलांटिस आखिरी मिशन पर अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ. अपनी 33वीं उड़ान के बाद अंटलांटिस रिटायर हो जाएगा. वैज्ञानिक चमत्कारों की गवाही देने वाला 30 साल पुराना यह यान आगे म्यूजियम का हिस्सा बन जाएगा
तेज चमक और धुएं के गुबार के बीच शुक्रवार को 3.5 टन भारी अटलांटिस ने फ्लोरिडा के जेएफके स्पेस सेंटर से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरी. यान 12 दिन के मिशन पर निकला है. 1981 से उड़ान भरने वाला अटलांटिस अब तक 355 अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष तक ले जा और वहां से ला चुका है. उड़ान की दूरी को देखा जाए तो अटलांटिस अब तक 87 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा कर चुका है.
शुक्रवार को अटलांटिस की उड़ान तय नहीं थी. खराब मौसम की वजह से लगा कि उड़ान टालनी पड़ेगी. लेकिन दोपहर के वक्त नासा के फाइरिंग रूम से गो की आवाज आई. उड़ान भरने के लिए उल्टी गिनती शुरू हुई. लेकिन जब गिनती 31 सेंकेंड पर रुकी तो लगा कि अभियान टल गया है. यान पर लादे गए सामान के भार की जांच की गई. हरी झंडी मिलने पर उल्टी गिनती फिर शुरू हुई और स्थानीय समायानुसार 11 बजकर 29 मिनट पर अटलांटिस अंतरिक्ष के लिए निकल पड़ा.अटलांटिस का क्रू
यान के आखिरी अभियान में शामिल सभी अंतरिक्ष यात्री अमेरिकी हैं. क्रू में क्रिस फर्गुसन, डग हर्ले, सैंडी मैगनस और रेक्स वैलहाइम शामिल हैं. लॉन्च डायरेक्टर ने क्रू सदस्यों को अमेरिका की पहचान बताया. यान रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ेगा. क्रू और यान सात दिन तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ा रहेगा.
इस मिशन में अटलांटिक स्पेस स्टेशन में काम कर रहे वैज्ञानिकों के लिए खाना गया है. साथ में एक ऐसा रोबोट भी है जो अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे सैटेलाइट्स में दोबारा ईंधन भरने के प्रयोग का हिस्सा है.
अटलांटिस से पहले नासा के डिस्कवरी और एंडेवर यान रिटायर हो चुके हैं. अटलांटिस के रिटायर होने के बाद नासा रूसी रॉकेटों के जरिए अंतरिक्ष अभियान में हिस्सा लेगा. आशंका है कि अटलांटिस के रिटायर होते ही कैनेडी स्पेस सेंटर का काफी काम कम हो जाएगा, जिसके चलते कई लोगों की नौकरी चली जाएगी. ऐसी भावुक बातों के साथ अटलांटिस के आखिरी अभियान के प्रति खासा अनुराग पनप चुका है.
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