ऑस्ट्रियन एकेडमी ऑफ साइंस के मुताबिक अंतरिक्ष के इन तूफानों में शनि का ज्यादातर हिस्सा घिरा हुआ है. आठ धरतियों को मिलाने से जितना बड़ा इलाका बनेगा, शनि का उतना ही बड़ा हिस्सा तूफान की चपेट में है. विज्ञान जगत की ब्रिटिश पत्रिका नेचर में छपे ताजा लेख के मुताबिक तूफान करीब पूरे शनि ग्रह पर पसरा हुआ है.
मुख्य रिसर्चर जॉर्ज फिशर कहते हैं, "और अब, खोज के सात महीने बाद पता चला है कि तूफान की चपेट में 4 अरब वर्गमीटर का इलाका है. यह धरती के धरातल का आठ गुना है." फिशर के मुताबिक तूफान शनि में होने वाले मौसमी बदलाव का हिस्सा हैं. धरती से कम से कम 1.2 अरब किलोमीटर दूरी पर परिक्रमा कर रहे शनि में मौसम बदल रहा है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक जिन जगहों पर अत्यधिक उग्र तूफान है, वहां प्रति सेकेंड 10 से ज्यादा बार बिजली चमक रही है. अध्ययन के लिए वैज्ञानिक उपग्रह कैसिनी का सहारा ले रहे हैं. कैसिनी योजना खास तौर पर शनि के अध्ययन पर केंद्रित है. अमेरिकी एजेंसी नासा ने भी शनि पर उग्र अंतरिक्ष तूफान होने की पुष्टि की है.
रिसर्च के सह लेखक और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के एंड्रू इंगेरसोल कहते हैं, "शनि पर कई सालों को झुनझुनाहट के साथ शांत मौसम दिखाई पड़ता है. फिर यही अचनाक उग्र ढंग से फूट पड़ता है."
अभी यह साफ नहीं है कि तूफान और बिजली कड़कने के साथ बारिश हो रही है या नहीं. अगर बारिश के संकेत मिले तो शनि में जीवन की उम्मीदें जगेंगी.
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