Tuesday, 12 April 2011

रेडियो रूस , हिंदी सेवा

रेडियो रूस ,
हिंदी सेवा 
आदरणीय श्रीमान अनिल जनविजय जी , ल्युद्मिलाजी , कश्मिर्जी 
सबको बहोत बहोत नमस्कार ,
पिछले आपके पत्रों की समीक्षा में श्री अनिल जी ने बताया की मुझे पात्र में कोई संबोधन नहीं होता | सब ल्युदमिला जी को लिखते हैं | इस लिए मैंने पहले अनिल जी का नाम लिखा है | आज १२ अप्रैल है | मैं इस दिन का बहोत ही उत्सुकता सें इंतझार करता हूँ | आज के दिन विश्व के पहले अन्तरिक्ष यात्री उरी गागारिन ने अन्तरिक्ष में उड़ान भरी थी | आज रेडियो रूस की वेबसाइड पर इस विषय के बारे में बहोत ही ज्ञानवर्धक सामग्री आपने रखी है | गागारिन लाइव , युरी गागारिन की अंतिम उड़ान , कई फोटो , मैंने कई गन्तो तक यह देखा है , पढ़ा है | इतनी साडी सामग्री को रखने लिए रेडियो रूस को धन्यवाद देता हूँ | सभी श्रोताओं को देखने का अनुरोध भी करता हूँ |  सच में युरी गागारिन के अल्प कार्यकाल में दुनिया को कितना कुछ दिया | आने वाके हजारों सालों तक यह कारनामा एक अद्भुत एहसास देता रहेगा |
सोर्ट वेव पर प्रसारण अच्छा नहीं आता | पर कई कार्यक्रम की ऑडियो फ़ाइल सुनने को मिलती है | आवाज भी बहोत ही अच्छी होती है |
आपने मुझे भेजी सामग्री ओर फोटो मिल गए हैं | बहोत ही सुक्रिया |
आपका 
नानजी जनजानी 

दुनिया भर में यूरी गगारिन की उड़ान की 50वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है


आज पूरी दुनिया में सोवियत अंतरिक्ष यात्री यूरी गगारिन की उड़ान की 50वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। 12 अप्रैल सन् 1961 को बाइकानूर अंतरिक्ष अड्डे से अंतरिक्ष यान 'वस्तोक' ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी जिसमें यूरी गगारिन सवार थे। इस प्रकार सोवियत संघ का नागरिक दुनिया का पहला ऐसा व्यक्ति बना जिसने पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश किया। उन्होंने 108 मिनट में पृथ्वी की कक्षा का एक चक्कर पूरा किया। कुछ ही घंटों में सोवियत अंतरिक्ष यात्री का नाम सारी दुनिया में मशहूर हो गया था। इस ऐतिहासिक घटना ने भविष्य में मानव सहित अंतरिक्ष उड़ानें भरने तथा विशाल पैमाने पर अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए मार्ग प्रशस्त किया था।  
 संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कुछ दिन पूर्व 12 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष उड़ान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था।
रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव आज अंतरिक्ष यात्रियों को बधाई देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से संपर्क स्थापित करेंगे। यूरी गगारिन की उड़ान की 50वीं वर्षगांठ के सम्मान में आज शाम को मास्को में तोपों से 50  बार सलामी दी जाएगी।

आपके पत्रों की समीक्षा

रेडियो रूस के श्रोताओं के पत्रों पर आधारित हमारा कार्यक्रम - "आपके पत्रों की समीक्षा"
http://hindi.ruvr.ru/2011/03/23/47861265.html

साइबर-अपराध

विज्ञान में अमेरिका को पीछे छोड़ते चीन, भारत


भारत, चीन, ब्राजील विज्ञान में अमेरिका जैसे सुपर पॉवर को पीछे छोड़ रहे हैं. चीन तो इस क्षेत्र में सुपर पॉवर बनने की ओर है. ब्रिटिश अकादमी ने कहा कि जापान, यूरोप, अमेरिका पीछे छूट रहे हैं.

 
ब्रिटेन की रॉयल साइंस अकादमी की रिपोर्ट में कहा गया है कि विज्ञान में तेजी से प्रगति करते कुछ देश विज्ञान से गहरे जुड़े हुए नहीं हैं. इनमें ईरान, ट्यूनिशिया, तुर्की शामिल हैं. नॉलेज, नेटवर्क एंड नेशन्सः ग्लोबल साइंटिफिक कोलेबोरेशन इन 21. सेंचुरी नाम की इस रिपोर्ट में विज्ञान की कोशिशों और प्रभाव में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और वैश्विक मुश्किलों को दूर करने की क्षमता पर जोर दिया गया है. रिपोर्ट में इस तथ्य का खास ध्यान रखा गया है कि ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के खत्म होने पर दुनिया के सभी देश एक दूसरे को कैसे सहयोग दे रहे हैं. इस शोध की सलाहकार समिति के मुख्य क्रिस लेवलिन स्मिथ ने कहा, "विज्ञान जगत में बदलाव हो रहा है. यह बढ़ रहा है और इसमें नए खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं. चीन के ऊपर आने के अलावा दक्षिण पूर्वी एशिया,  मध्यपूर्व, उत्तर अफ्रीकी और दूसरे देश भी सामने आ रहे हैं."
लेवलिन स्मिथ के मुताबिक 2002 से 2007 में रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए होने वाले खर्च करीब 45 फीसदी बढ़ गए. लेकिन विकासशील देशों में यह 100 प्रतिशत से बढ़ा है. उभरते देशों में चीन सबसे आगे है लेकिन दूसरे भी हैं. उन्होंने कहा कि शोध और सहयोग में बजट की बढ़ोतरी के साथ वैश्विक चुनौतियों को हल करने में मदद मिलनी चाहिए. 
आश्चर्यजनक तथ्य
इस रिपोर्ट के आंकड़े दिखाते हैं कि कैसे 1993 से 2003 के बीच और 2004 से 2008 के बीच प्रकाशित होने वाले शोध पत्रों में बदलाव आया है. हालांकि अमेरिका इस मामले में अब भी सबसे ऊपर चल रहा है लेकिन उसकी हिस्सेदारी 26 फीसदी से गिर कर 21 हो गई है. इसका सबसे कड़ा प्रतिस्पर्धी चीन है जिसकी हिस्सेदारी छह प्रतिशत से बढ़ कर 10.2 हो गया है.
ब्रिटेन तीसरे नंबर पर बना हुआ है हालांकि उसकी हिस्सेदारी हल्की सी कम हुई है. इनमें कुछ ऐसे भी देश हैं जो विज्ञान की दुनिया में कही नहीं थे और अचानक वह अहम हिस्सेदार बन गए हैं. इस मामले में ईरान सबसे तेजी से बढ़ता हुआ देश है और काफी मात्रा में विज्ञान के शोधपत्र प्रकाशित करता है. 1996 में वहां सिर्फ 736 शोध पत्र थे और 2008 में इनकी संख्या 13,238 हो गई.  
ईरान की सरकार भी विज्ञान के लिए वृहद योजना बना रही है. तुर्की की स्थिति भी मजबूत हुई है और वह धीरे धीरे चीन की प्रतियोगिता में आ रही है. 1996 से 2008 के बीच शोधकर्ताओं की संख्या 46 प्रतिशत से बढ़ गई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ईशा भाटिया
 
 

Map of Yemen

Map of Yemen

Map of LIBIYA

Map of LIBIYA

Map of Egypt

Map of Egypt

12 अप्रैल को अंतरिक्ष दिवस


संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने 12 अप्रैल को विश्व अंतरिक्ष दिवस मनाने की घोषणा की है। संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णय के अनुसार, अंतरिक्ष दिवस अब विश्व स्तर पर मनाया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने अपने 65वें अधिवेशन में रूस द्वारा इस सिलसिले में प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। 60 से ज़्यादा देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
12 अप्रैल 1961 को रूसी अंतरिक्ष यात्री यूरी गगारिन ने दुनिया के इतिहास में पहली बार अंतरिक्ष यात्रा करके पृथ्वी का चक्कर लगाया था।