भारत को 126 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए टेंडर को कार्यान्वयन करने के लिए अभी थोड़ा और समय लग जाएगा। इस सौदे का मूल्य 10 अरब डॉलर बताया जाता है। भारत के रक्षामंत्री श्री ए. के. एंटनी ने पत्रकारों से यह बात कही है।
उनके अनुसार पिछले महीने इस टेंडर में भाग लेने वाली कंपनियों के प्रस्तावों संबंधी कागज़ात गायब हो जाने की जाँच पूरी की जा चुकी है। श्री एंटनी ने कहा कि हमें इस के बारे में एक रिपोर्ट मिल गई है जिसके अनुसार कोई सूचना रिसाव नहीं हुआ है। इसलिए इस टैंडर के लिए कोई ख़तरा पैदा नहीं हुआ है।
भारत के रक्षा मंत्री ने कहा कि इस टैंडर के विजेता को तय करने में अभी कुछ और समय लगेगा। भारत ने 2007 के अगस्त माह में लड़ाकू विमानों की ख़रीद का टैंडर घोषित किया था। इस टैंडर में भाग लेते हुए रूस पाँचवीं पीढ़ी के अपने बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान मिग-35 को बेचना चाहेगा।
इस सौदे के लिए तब ख़तरा पैदा हुआ था जब पिछले दिसंबर में भारतीय रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी, जिनके नाम का खुलासा नहीं किया गया है, निविदा दस्तावेज़ो को अपने साथ ले गए थे और जो बाद में भारत की राजधानी के दक्षिण में एक सड़क के किनारे पर पाए गए थे।
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