Wednesday 21 July, 2010

अपना अंतरिक्ष केंद्र बनाएगा रूस

रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस सैटलाइट लॉन्च करने के लिए एक नया कॉस्मोड्रोम बनाने जा रहा है. इसके लिए 80 करोड़ डॉलर दिए जाएंगे.




रूस अब तक अपने सैटलाइट कजाख़स्तान में स्थित लॉन्च साइट से भेजता है. कजाख़स्तान में यह लॉन्च साइट सोवियत संघ के वक्त में बनाई गई थी. लेकिन अब रूस चाहता है कि कजाख़स्तान पर उसकी निर्भरता कम हो. पुतिन ने कहा कि सरकार ने एक नया कॉस्मोड्रोम बनाने के लिए 80 करोड़ डॉलर देने का फैसला किया है. यह धन अगले तीन साल के दौरान दिया जाएगा.Bildunterschrift: Großansicht des Bildes mit der Bildunterschrift: तीन साल में 80 करोड़ डॉलर

नया स्पेसपोर्ट सुदूर पूर्वी क्षेत्र उगलेगोर्स्क में बनाया जाएगा. यह 2015 तक बनकर तैयार होगा. रूसी प्रधानमंत्री पुतिन ने सैटलाइट बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी एनर्जिया रॉकेट एंड स्पेस कॉर्पोरेशन में कहा, “मुझे पूरी उम्मीद है कि वोस्टोकनी देश का पहला कॉस्मोड्रोम होगा जो नागरिक कार्यों में इस्तेमाल होगा और इससे रूस अपनी अंतरिक्ष की गतिविधियों के लिए पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगा.“



उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि कॉस्मोड्रोम हमारे सभी अंतरिक्ष कार्यक्रमों को असरदार तरीके से चला सके. उन्होंने बताया कि रूस कुल मिलाकर 320 करोड़ डॉलर से ज्यादा धन अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर खर्च करने जा रहा है. इसमें ग्लोनास सिस्टम का विकास कार्यक्रम भी शामिल है. ग्लोनास अमेरिका के ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम के जवाब में तैयार किया जा रहा है.Bildunterschrift: Großansicht des Bildes mit der Bildunterschrift: यूरी गागारिन थे पहले अंतरिक्ष यात्री

इसके अलावा पुतिन ने अपने देश के अंतरिक्ष बाजार को दुनिया की पहुंच में लाने की भी बात की. उन्होंने बताया कि नासा, यूरोपीय स्पेस एजेंसी, जापान एरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी और बोइंग जैसी संस्थाओं और कंपनियों के वैज्ञानिकों को रूसी कंपनी एनर्जिया रॉकेट मेकर तक पहुंच देने के आदेश दे दिए गए हैं. रूसी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर ये लोग अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए काम करेंगे.



पुतिन ने बताया कि ऐसा ही फैसला यूक्रेन के वैज्ञानिकों के लिए भी लिया गया है. वे लोग सोयूज और प्रोग्रेस जैसे अंतरिक्ष यानों को जोड़ने और टेस्ट करने का काम करेंगे.



रूस का अंतरिक्ष कार्यक्रम हाल के बरसों में कुछ कमजोर पड़ा है, जबकि उसका इतिहास उपलब्धियों से भरा पड़ा है. रूस ने 1961 में सबसे पहले अंतरिक्ष में इंसान को भेजने का कारनामा किया था. इसके चार साल बाद ही उसने स्पूतनिक को अंतरिक्ष में भेजकर इतिहास रच दिया था. यह उपलब्धि आज भी रूसी लोगों के लिए गर्व का विषय है.

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